कॉलेज के छात्रों के साथ हुई ख़ौफनाक सच्ची घटनाएँ

यह कहानी दिल्ही विश्व विध्यालया के कॉलेज कैंपस में हुई घटना के बारे में है.

मानो या ना मानो लेकिन इस कंपास में मुझे भूत प्रेत होने के कई सारे किससे सुन को मिल रहे हैं।

इसी ही एक घाटा के बारे में मैं आज आप को बताता हूं।

कॉलेज हॉस्टल के रूम नंबर 91 के एक छात्र निकुंज, बताते है की कुछ दिन पहले, एक रात को जब मैं सो रहा था तो अचानक जोर से भयानक आवाजे सुनाई देने लगी।

और उसी आवाज के करन में जाग उठा और मैंने अपने चारो और देखा लेकिन कुछ नथी था। मुझे लगा की हवा के कारन खिड़की या दरवाजा आवाज कर रहे हैं।

वही पर मुजे रूम में किसी के चलने की आवाज सुनाई दी और साथ में यह भी महसुस हुआ की कोई अपने नाख़ून खिड़की पे गिस रहा है।

जब मैंने दुसरे दी यह बात की जाँच करवाई तो मालुम पड़ा की 9 साल पहले एक छात्र अरुण ने आत्म हत्या की थी।

और तब से लेकर आज तक उसकी आत्मा इसी रूम मैं गुम रही है। और इस बात की पृष्टि कई छात्रों ने की है।

ऐसी ही एक दुसरी घटना,

यह धटना सन 1998 की उसी हॉस्टल की है। और यह बात की जानकारी उसी कॉलेज के एक ग्रुप ने बताई थी।

अभिजीत करके एक विध्यार्थी उसे एक कुत्ते को अपने रूम में पाल रखा था। लेकिन कुछ करन से उस कुत्ते की मौत हो गई ही।

अभिजीत उस कुत्ते को लेकर पास के जंगल में दफनाने के लिए गया या वापस आकार अपने रूम में जाकर सो गया या फिर कभी उठा ही नहीं।

अभिजीत की मौत कैसे हुई वो आज भी के रहस्य है।

ऐसी ही रहस्यमय घटना के कारन उस कॉलेज के छत्रो में डर बेठ गया है। ओर ऐसी ही सत्य घटनाये उस कॉलेज में बार बार होती रहती है.

दिल्ली विश्वविद्यालय के उतर दिशा की और करीबन 2 किमी दूर इंद्रप्रस्थ एक लेडीज कॉलेज है।

कुछ समय पहले कॉलेज की एक विध्याथिनी, सोनल मजाक मजाक में आत्माओ को बुलाती हे।

सिक्के के जरिए वो आत्मा आ तो जाती है, लेकिन दो-तीन दिन तक वो आत्मा रूम से निकल ने का नाम नहीं लेती।

सोनल के करन वो आत्मा कई छात्रों को हेरान परेशान करती है।

बाद में सोनल उस आत्मा से माफ़ी मांगती है की वो वंहा से चली जाए। माफ़ी मांग ने के दो दिन बाद वो आत्मा वंही से खुद वापस चली जाती है।

लेकिन सोनल की हरकद के करन उसे कॉलेज से निकला दिया जाता है।

ऐसे ही जो लोग रात को देर तक पढाई करते है उसे कभी न कभी भूतों का सामना करना ही पड़ता है।

उन सभी को ऐसी ही अद्रस्य शक्ति के होने का एहसास होता रहता है।

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